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भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण का उद्देश्य सामाजिक और पर्यावरण के लिए जिम्मेदार व्यावसायिक प्रथाओं सहित अच्छे निगमित शासन को प्राप्त करना, समेकित करना और मजबूत करना है जो कि सामाजिक कल्याण के साथ-साथ वित्तीय लाभ को भी संतुलित बनाए रखता है ।
हवाईअड्डे बनाने और संचालित करने के लिए अनुमानित और अप्रत्याशित परिणाम के इसके मूल व्यवसाय पर होने वाले असर को भाविप्रा स्वीकार करता है । हवाई अड्डे के कार्य की प्रकृति को देखते हुए इसका तत्काल प्राथमिक प्रभाव पर्यावरण और आसपास के इलाकों के समुदायों पर होता है। इसलिए सीएसआर के लिए हमारी प्रेरणा और दृष्टिकोण रहा है- समावेशी विकास के वातावरण के निर्माण के लिए हमारे हवाई अड्डों के आसपास वंचित समुदायों के लिए सशक्तिकरण के अवसर लाना ।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) की नीति का व्यापार प्रदर्शन के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए अपनी समग्र प्रतिबद्धता के साथ गठबंधन किया गया है। भाविप्रा का लक्ष्य "विश्व स्तरीय संगठन बनना है जो हवाई यातायात सेवाओं और हवाई अड्डे के प्रबंधन में नेतृत्व प्रदान करता है और 2016 तक एशिया प्रशांत क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र बनना है"। सार्वजनिक उद्यम विभाग, भारी उद्योग मंत्रालय और सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय द्वारा जारी केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (दिनांक 9 अप्रैल, 2010 के फैक्स नं 15(3)/2007-DPE (GM)-Gl-99 द्वारा) के लिए निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व पर दिशानिर्देशों के अनुसार यह नीति तैयार की गई है।
वर्ष 2011-12 में, सीएसआर परियोजनाओं के लिए कर के बाद 2% लाभ आवंटित किया गया था। भाविप्रा के सीएसआर कार्य के विषयगत / कार्यक्रम में निम्नलिखित शामिल है, लेकिन यह इस तक सीमित नहीं है:
सीएसआर गतिविधियों का भौगोलिक केंद्र-बिन्दु है – नए या मौजूदा हवाई अड्डों के तत्काल परिवेश जो हवाई अड्डे से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं; जिला, कस्बे या पूरा शहर जहां हवाई अड्डे स्थित है; और आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने और पर्यावरण पर एमडीजी और संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कॉम्पैक्ट कार्यक्रम समेत उच्च राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पूरा देश।